-
Advertisement

श्रृंगीरामपुर जल भरने जा रहे कांवरियों की सेवा में जुटे शिवभक्त
कमालगंज। श्रावण मास के पावन अवसर पर महान तपस्वी ऋषि श्रृंगी की तपोभूमि श्रृंगीरामपुर इन दिनों शिवभक्ति की भावधारा में डूबी हुई है। सावन के सोमवार से एक या दो दिन पूर्व, यहां हर साल की तरह इस बार भी हजारों श्रद्धालुओं व कांवड़ियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। श्रद्धालु यहां गंगा तट पर पहुंचकर स्नान कर पवित्र जल भरते हैं, फिर विभिन्न शिवधामों की ओर भगवान शिव का जलाभिषेक करने निकल पड़ते हैं।
गंगा के पवित्र किनारे पर स्थित श्रृंगीरामपुर का यह इलाका कांवड़ यात्रा का प्रमुख पड़ाव बन चुका है। दूर दराज के जिलों के साथ साथ मध्य प्रदेश के दतिया, शिवपुरी, भिंड, ग्वालियर, मुरैना सहित अनेक जिलों से हजारों की संख्या में कांवड़िए यहां पहुंचे हैं। भक्तगण अपने अपने कांवड़ को आकर्षक ढंग से सजाते हैं, गंगा में स्नान कर, हर हर महादेव और बम बम भोले के जयघोष के साथ पवित्र जल भरकर शिवालयों की ओर प्रस्थान करते हैं।
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं। मेले में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए पीएसी और पुलिस बल की तैनाती की गई है। सुरक्षा बल गंगा तट, मुख्य मार्गों और महत्वपूर्ण स्थलों पर निगरानी बनाए हुए है। प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था, प्राथमिक उपचार व दिशा निर्देशों की भी स्पष्ट व्यवस्था की गई है।उधर, सेवा भावना से प्रेरित स्थानीय नागरिक भी पीछे नहीं हैं। रास्ते में जगह-जगह जलपान वितरण कर पुण्य लाभ ले रही हैं।
श्रृंगीरामपुर में गूंजते शिवनाम, भक्तों की आस्था, अनुशासन और सेवाभाव ने इस स्थान को एक जीवंत तीर्थस्थली में परिवर्तित कर दिया है। यहाँ केवल गंगा जल नहीं भरा जा रहा, बल्कि सद्भाव, श्रद्धा और समर्पण का भाव भी बह रहा है।
इस अद्वितीय आयोजन ने न केवल श्रृंगीरामपुर को एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है, बल्कि यह यह सिद्ध कर दिया है कि शिवभक्ति और सामाजिक सहभागिता जब एक साथ चलें, तो वह हर आयोजन को अनुपम बना देते हैं।