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प्रबोधिका के वार्षिक उत्सव में साहित्यकारों का रहा जमघट
– वार्षिक पत्रिका ‘प्रबोधिका’ का लोकार्पण, साहित्यकारों को किया गया सम्मानित
फर्रुखाबाद। हिंदी साहित्य को समर्पित संस्था प्रबोधिका का छठवां वार्षिक उत्सव शनिवार को बढ़पुर स्थित उत्सव गेस्ट हाउस के सभागार में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर जिले भर से जुटे साहित्यकारों व साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति में कार्यक्रम भव्यता के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. राजकुमार सिंह ने की, जबकि संचालन संस्था के सचिव जवाहर सिंह गंगवार ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में सहायक आयुक्त जीएसटी पंकज कुमार उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत डॉ. अनार सिंह यादव द्वारा किया गया।
उद्घाटन सत्र में दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके उपरांत संस्था की वार्षिक पत्रिका ‘प्रबोधिका’ का लोकार्पण किया गया। साथ ही वरिष्ठ साहित्यकार माया बाजपेई के कहानी संग्रह ‘कसक’ का भी विमोचन किया गया, जिसे साहित्य प्रेमियों ने सराहा।
डॉ. लालाराम पल्लव को प्रबोधिका रत्न सम्मान से नवाजा गया।
प्रो. रामबाबू मिश्र रत्नेश को स्व. शीतलता प्रसाद गंगवार स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।
दिनेश अवस्थी को जदुनाथ सिंह कटियार स्मृति सम्मान से अलंकृत किया गया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. राजकुमार सिंह ने हिंदी की वर्तमान स्थिति और भावी दिशा पर विचार रखते हुए कहा कि हिंदी भाषा ने विश्व स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी निभाएं और भाषा की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाएं।
संस्था के सचिव जवाहर सिंह गंगवार ने समस्त अतिथियों एवं सहभागियों का आभार जताते हुए संस्था के भावी साहित्यिक अभियानों में सहयोग का आह्वान किया।
डॉ. रामकृष्ण राजपूत, बृज किशोर सिंह, भूपेंद्र प्रताप सिंह, देवकीनंदन गंगवार, मुन्ना यादव, राजुल बाजपेई, राजेश निराला, रामावतार शर्मा, इंदु आलोक, राज रायदा सहित अनेक साहित्य अनुरागी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की सफलता में संस्था के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों की महती भूमिका रही।