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पी सी एस अधिकारी ज्योति मौर्या को इलाहाबाद हाईकोर्ट से नोटिस, पति आलोक मौर्या ने गुजारा भत्ता दिलवाने की लगाई गुहार
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की चर्चित PCS अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या के बीच चल रहा व्यक्तिगत विवाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है। सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत आलोक मौर्या ने अदालत में गुजारा भत्ता (maintenance) दिलवाने की अपील की है, जिस पर अदालत ने ज्योति मौर्या को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आलोक मौर्या का दावा है कि उन्होंने अपनी पत्नी ज्योति मौर्या की शुरुआती पढ़ाई से लेकर PCS अधिकारी बनने तक पूरा साथ दिया। आर्थिक मदद से लेकर मानसिक और पारिवारिक सहयोग तक, उन्होंने हर कदम पर साथ निभाया। लेकिन जैसे ही ज्योति मौर्या सरकारी अधिकारी बनीं, उन्होंने पति से दूरी बनानी शुरू कर दी और अब अलग रह रही हैं।
आलोक मौर्या ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि: वह एक साधारण सफाईकर्मी हैं और उनकी आमदनी सीमित है। ज्योति मौर्या का वेतन एक अधिकारी के तौर पर काफी ज्यादा है। उन्होंने वर्षों तक पत्नी की पढ़ाई और खर्चों में सहायता की, इसलिए उन्हें गुजारा भत्ता मिलना चाहिए।
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए PCS अधिकारी ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त 2025 को तय की है। इस दौरान ज्योति मौर्या की ओर से जवाब दाखिल किए जाने की संभावना है।
यह मामला इससे पहले भी तब सुर्खियों में आया था जब आलोक मौर्या ने मीडिया में आकर अपनी आपबीती साझा की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि ज्योति मौर्या अब उनकी पत्नी के दायित्वों से पीछे हट रही हैं और उन्हें सामाजिक, मानसिक और आर्थिक रूप से अपमानित किया जा रहा है।
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 और 125 CrPC के अंतर्गत, यदि पति-पत्नी में से कोई एक कमाने में असमर्थ है और दूसरा आर्थिक रूप से सक्षम है, तो गुजारा भत्ता देने का प्रावधान है — चाहे वह पति हो या पत्नी।
अब देखना होगा कि हाईकोर्ट में पेश होने के बाद ज्योति मौर्या इस मामले में क्या रुख अपनाती हैं और अदालत किस आधार पर निर्णय लेती है।