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SDM ने थप्पड़ मारने की दी धमकी, तो शिकायतकर्ता ने चटाई बिछाकर मंजीरा बजाना शुरू कर दिया – गांधीगिरी से दिया करारा जवाब
– जब अफसर ने कहा थप्पड़ मार दूंगा, तब फरियादी ने कहा – मैं मंजीरा बजाऊंगा!
– अन्याय का जवाब हिंसा से नहीं, भजन से दिया – गांधीगिरी फिर जी उठी मुरैना में।
– शिकायत लेकर पहुंचे थे इंसाफ की उम्मीद में, जवाब मिला धमकी से – और फिर शुरू हुआ मंजीरा आंदोलन!
मुरैना, मध्यप्रदेश (यूथ इण्डिया, संवाददाता)। जिला मुख्यालय मुरैना से एक अनोखा और चिंतनशील मामला सामने आया है, जहां अफसरशाही की धमकी का जवाब गांधीवादी तरीके से दिया गया। रामपुर निवासी धर्मेंद्र चतुर्वेदी उर्फ अन्ना हजारे, जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर सबलगढ़ के SDM कार्यालय पहुँचे थे। लेकिन वहां कुछ ऐसा हुआ, जो लोकतंत्र में आम नागरिक के अधिकारों पर सवाल खड़ा करता है।
सूत्रों के अनुसार, जनसुनवाई के दौरान धर्मेंद्र चतुर्वेदी की किसी बात को लेकर SDM से बहस हो गई। इसी दौरान SDM ने कथित रूप से उन्हें ‘थप्पड़ मारने’ की धमकी दे दी। इससे आहत धर्मेंद्र न तो गाली-गलौज पर उतरे और न ही मुकदमे का सहारा लिया — बल्कि उन्होंने गांधीगिरी का रास्ता अपनाया।
चुपचाप SDM कार्यालय के बाहर चटाई बिछाई, हाथ में मंजीरा लिया और भजन गाकर विरोध दर्ज करने लगे। उनका यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन न केवल भीड़ का ध्यान खींच लाया, बल्कि पूरे सिस्टम के प्रति एक बड़ा सवाल भी छोड़ गया।
“जब थप्पड़ की धमकी से बात निकली, तो पूरे सिस्टम की खामोशी उजागर हो गई।
जहां इंसाफ मिलना चाहिए, वहां अपमान और धमकी दी जाती है।
पर इस बार जवाब नारे से नहीं… मंजीरे से मिला।”
लोगों ने मौके पर इस‘भजन आंदोलन’को देखा और कई ने समर्थन भी दिया।
इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि —
“क्या अब शिकायत करना भी गुनाह है?”
“क्या अफसरशाही इतनी अहंकारी हो चुकी है कि जवाब में अब केवल भजन ही बचा है?”
धर्मेंद्र चतुर्वेदी की यह शैली जहां एक ओर लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की मिसाल है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की संवेदनहीनता पर भी सवाल उठाती है।